ऊब सी गई हूँ मैं,
मुझे परिवर्तन चाहिए
इस निरस से जीवन में
नयी कोई चीज़ चाहिए
क्या है वह चीज़
वह मुझे पता नहीं
महसूस तो करती हूँ लेकिन
शब्द कुछ निकलते नहीं
मैं ये नहीं कहती
मुझे कोई दुख है
बस यही आंकना है मुझे
जो मिला अब तक क्या वो सही है
बेड़ियों से कर्तव्य लगते
जंजीर से रीति रिवाज
क्या होगा कह दूँ यदि
जाओ नहीं मनाती यह सब मैं आज
क्य़ा सब कुछ किया कराया
पानी मे मिल जाएगा
क्या मेरी मन की बात
कोई समझ पाएगा
यही, यही डर है मेरा दुश्मन
इस डर को भगाना है मुझे
जो मन चाहे मैं वो करूँ
ऐसा खुद को बनाना है मुझे
काश जो मैं कहती
वही कर पाती मैं
नहीं लगता जीवन निरस
परिवर्तन ला पाती मैं|
-जूही
मुझे परिवर्तन चाहिए
इस निरस से जीवन में
नयी कोई चीज़ चाहिए
क्या है वह चीज़
वह मुझे पता नहीं
महसूस तो करती हूँ लेकिन
शब्द कुछ निकलते नहीं
मैं ये नहीं कहती
मुझे कोई दुख है
बस यही आंकना है मुझे
जो मिला अब तक क्या वो सही है
बेड़ियों से कर्तव्य लगते
जंजीर से रीति रिवाज
क्या होगा कह दूँ यदि
जाओ नहीं मनाती यह सब मैं आज
क्य़ा सब कुछ किया कराया
पानी मे मिल जाएगा
क्या मेरी मन की बात
कोई समझ पाएगा
यही, यही डर है मेरा दुश्मन
इस डर को भगाना है मुझे
जो मन चाहे मैं वो करूँ
ऐसा खुद को बनाना है मुझे
काश जो मैं कहती
वही कर पाती मैं
नहीं लगता जीवन निरस
परिवर्तन ला पाती मैं|
-जूही