मेरी माँ को समर्पित....
सर्वेश्वरी
वो
सर्व
शक्तिशाली
मेरी
माँ
मेरी
दुर्गा
भवानी
दृढ़
अचल,
कभी
ना
हार
मानने
वाली
प्रेरणा
की
स्त्रोत,
सर्वाणि
छोटी
उम्र
में
दुख
का
पहाड़
टूट
पड़ा
टूटी
नहीं
मेरी
माँ,
बुरे
समय
का
रुख
मोड़
दिया
आंसू
पोंछे
कमर
कसी,
चुनौती
स्वीकर
की
माँ
ने
जीने
की
एक
नयी
राह
चुनी
शिक्षा
की
थामी
मशाल
बनी
सबके
लिए
एक
मिसाल
असतो
मा
सद्गमय
का
पाठ
पढ़ाया
कर्म
ही
पूजा
है,
हमेशा
यही
सिखाया
अच्छी
यादों
को
मान
सहारा
गौरव
संग
जूही
का
फूल
उगाया
मोनिका,
कौस्तुभ,
देव
और
केया
संग
लौट
आए
जिंदगी
के
सारे
रंग
माँ
से
ही
परिवार
जुड़ा
है
माँ
से
ही
संसार
बसा
है
मेरी
माँ
मेरे
लिए
एक
वरदान
है
सच
कहूँ
तो
मेरी
माँ
ही
मेरी
भगवान
है |
-जूही
-जूही
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